भोपाल
 प्रदेश कांगे्रस मीडिया विभाग की अध्यक्ष शोभा ओझाए उपाध्यक्ष भूपेन्द्र गुप्ता और  विधायक सुंदरलाल तिवारी ने आज प्रदेश कांगे्रस कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में भाजपा सरकार पर गोहत्या का आरोप लगाया है।

नेताओं ने कहा कि भाजपा जो अपने को गायों का सबसे बड़ा संरक्षक मानती है और जिसके नुमाइंदे मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कहते हैं कि मैं किसान हूं और गोवंश की रक्षा हमारा धर्म है। दूसरी ओर प्रदेश की सड़कों और राजमार्गों पर सैंकड़ों की संख्या में मवेशी मर रहे हैं। इसी तरह गायों की असमय मौत का आंकड़ा निरंतर बढ़ता जा रहा है। अभी 12 दिनों में उदयगिरीए विदिशा और कुआखेड़ी के बीच आश्चर्यजनक रूप से 172 गायों की मौत हुई। यह आंकड़ा नगर पालिका के रिकार्ड में भी दर्ज है। ग्वालियर के लाल टिपारा गोशाला में 30 दिन में लगभग 453 गायों की मौत हो चुकी है। क्योंकि ढाई हजार क्षमता वाली गोशाला में छह हजार गोवंश को भर दिया गया था। 90 दिन में 1092 गायों की मौत अपने आप में स्तब्धकारी घटना है। इसी प्रकार उज्जैन नगर निगम की कपिला गोशाला में देखरेखए भोजन व अन्य सुविधाओं के अभाव में 17 से 30 जून तक तेरह दिनों में 18 गायों की मौते हो चुकी है। । गोशाला में कितनी गायें आयीं और कितनी ले जायी गईं। इसका कोई रिकार्ड नहीं मिला। रजिस्टर नहीं मिलने का हवाला देते हुए कांगे्रस ने आरोप लगाया था कि पकड़कर लायी गई गायों में से कुछ को रूपये देकर छोड़ दिया जाता है और गोशाला भ्रष्टाचार का अड्डा बन गई है।
गे्रस ने आरोप लगाया कि गो.शालाओं के जो मापदंड हैं उसका घोर उल्लंघन हो रहा है।करीब डेढ़ हजार गो.शालाएं ऐसी हैंए जहां गायों की कोई देखरेख नहीं की जा रही है और न ही गो.शालाओं का निरीक्षण होता है। गायों की सेवा पर राजनीति करने के अलावा बीजेपी सरकार ने कुछ नहीं किया। गो.शालाओं के नाम पर जमीन हड़पने की साजिशें रची जा रही हैं। ये गो.शालाएं ज्यादातर भाजपा कार्यकर्ताओं की हैं। 

रीवा में गोमाता को खुलेआम दफन किया 
विधायक सुंदरलाल तिवारी ने कहा कि गोवंश की रक्षा की बड़ी.बड़ी बातें करने वाली भाजपा सरकार के राज में रीवां शहर के बीचों.बीच नगर निगम परिसर में बड़ा गड्ढ़ा खोदकर जिन्दा और मुर्दा गोवंश को गुपचुप दफन कर दिया गया। यह स्थान महापौर दफ्तर से कुछ ही कदम की दूरी पर है। 
इससे भी बड़े आश्चर्य की बात यह है कि जहां पर गायों को दफन किया गयाए वहीं कुछ कदम की दूरी पर रामजानकी मंदिर भी स्थित है। गायों का दफनाने के कुछ दिन बाद जब चारों ओर बदबू फैलने लगी तो एक कांगे्रस पार्षद ने नेता प्रतिपक्ष अजय मिश्रा बाबा और अन्य कांगे्रस पार्षदों के साथ जमकर हंगामा किया। आनन.फानन में नगर निगम ने उस पर ब्लीचिंग पाऊडर और मिट्टी का तेल डाल दिया। यही नहीं जब पार्षदों ने और खोजबीन की तो नगर निगम के गोदाम में भ नौ गायों के गड़े होने का खुलासा हुआ। कड़ों कांगे्रसियों के विरोध और धरना प्रदर्शन को देखकर घबराये नगर निगम के अधिकारियों ने झटपट जेसीबी मशीन बुलाकर वहां दोबारा खुदाई करायी और मृत पशुओं को अन्यत्र शिफ्ट किया गया।

श्री तिवारी ने बताया कि सबसे शर्मनाक बात तो यह है कि गोरक्षा का डिंडोरा पीटने वाले भाजपा और बजरंग दल के लोगों ने इस शर्मनाक घटना पर एक शब्द नहीं कहा। इन सभी का आश्चर्यजनक मौन कई ज्वलंत प्रश्नों को जन्म देता है। एक ओर तो देश में गो.हत्या के नाम पर कई निर्दोषों को एक खास विचारधारा के लोगों ने केवल शक को आधार बनाकर खींच.खींच कर मार डाला। श्री तिवारी नेमांग की है कि दोषियों को तत्काल गिरफ्तार किया जाकर पशु.क्रूरता अधिनियम के अंतर्गत तत्काल कार्यवाही होना चाहिये। 

नेताओं ने कहा कि ऐसा लगता है कि गाय केवल भाजपा के लिये वोट प्राप्ति का जरिया मात्र है। भाजपा की यह कुत्सित मानसिकता उसके व्यवहार से समय.समय पर जाहिर होती रही है। इस संबंध में यह उल्लेखनीय है कि पूर्व में जब कांगे्रस विधायक आरिफ अकील ने गायों की मृत्यु के बाद उनके मृत शरीर के सम्मानजनक अंतिम संस्कार का प्रायवेट मेम्बर बिल विधानसभा में पेश किया थाए तो भाजपा ने इस बिल को मतदान के जरिये गिरा दिया था। बिल में श्री अकील ने यह प्रस्ताव रखा था कि  गाय पवित्र एवं आस्था का प्रतीक हैए इसलिये शासकीय खर्चे से या तो शव को जला दिया जाये या दफन कर दिया जाये तो भाजपा ने उनकी इस नेकनीयती को धता बताते हुए इस बिल को अपनी विरोधाभासी नीति के तहत संख्या बल के आधार पर 55 के विरूद्व 130 मतों से गिरा दिया था।  गाय और गो.वंश से भाजपा और उसकी सरकार का कोई भावनात्मक संबंध नहीं हैए वह केवल उसके लिए एक राजनैतिक मुद्दा और सत्ता प्राप्ति का साधन मात्र है।  
 

Source : खिलावन चंद्राकर